बदमाशों से अकेले ही भिड़ा था ये जांबाज, आज मुफलिसी में जी रहा शहीद का परिवार
वर्ष 1999 में राजभवन के सामने जांबाज जेल अधीक्षक को बदमाशों ने गोलियों से भूना था। शहीद का दर्जा देकर भूली सरकार।
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