संवादी 2018 : 'शिकवे' में उलझे रंगमंच और साहित्य के रिश्ते
दिग्गज रंगकर्मियों की दलील से उठा सवाल- रंगमंच शुद्ध साहित्य या एप्लाइड। हिंदीभाषी क्षेत्र में नाटक के लेखन की कमी महसूस कर रहे हैं निर्देशक और कलाकार।
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