संवादी 2018 : श्रेष्ठता बोध से ग्रसित हो गई हैं दलित जातियां

जागरण संवादी के तीसरे और आखिरी दिन पहले सत्र में दलित साहित्य की चुनौतियों पर छिड़ी गर्मागर्म और आक्रामक बहस, बहस में शामिल हुए देश के नामचीन दलित साहित्यकार, दलित और अति दलित के द्वंद्व पर साहित्यकारों ने जताई चिंता।

from Jagran Hindi News - uttar-pradesh:lucknow-city https://ift.tt/2Rv72w7
via IFTTT

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नेपाली हाथियों को भा रहा दुधवा नेशनल पार्क, 200 हुई संख्‍या Lakhimpur News

वसीम रिजवी ने कहा, वक्फ संपत्तियों की सीबीआइ जांच करेंगे पूरा सहयोग, तैयार करा रहे सुबूत

एंटीलार्वा-फॉंगिंग अभियान उड़ा हवा में, लाखों खर्च के बाद भी नहीं मरे मच्‍छर Lucknow News