संवादी 2018 : श्रेष्ठता बोध से ग्रसित हो गई हैं दलित जातियां
जागरण संवादी के तीसरे और आखिरी दिन पहले सत्र में दलित साहित्य की चुनौतियों पर छिड़ी गर्मागर्म और आक्रामक बहस, बहस में शामिल हुए देश के नामचीन दलित साहित्यकार, दलित और अति दलित के द्वंद्व पर साहित्यकारों ने जताई चिंता।
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