बूढ़ी इमारत की हर एक ईंट सुनाती है दास्तान, ऐसे ही नहीं पड़ा नाम काला इमामबाड़ा
नवाब आसफुद्दौला के मामा नवाब मिर्जा अली खां ‘सालारजंग’ ने बनवाया था।
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